PREVIOUS YEAR QUESTION PAPER
V. प्रश्न 39. अ) वाक्य शुद्ध कीजिए: (4 × 1 = 4)
i) सुजान एक पक्का कुँआ बनवाया।
ii) उसके हाथ काँप रही थी।
iii) मन में ऐसा शक्ति है।
iv) तुम तुम्हारे धर्म का पालन करो।
उत्तरः
i) सुजान ने एक पक्का कुँआ बनवाया।
ii) उसके हाथ काँप रहे थे।
iii) मन में ऐसी शक्ति है।
iv) तुम अपने धर्म का पालन करो।
प्रश्न 40. आ) कोष्टक में दिये गए उचित शब्दों से रिक्त स्थान भरिएः (से, की, का, को) (4 × 1 = 4)
i) चैत …………… महीना था।
ii) जो खर्च करता है, उसी …………… देता है।
iii) अब इन व्यापारों …………… उसे घृणा होती थी।
iv) तुम्हारे बेटों …………… तो कमाई है।
उत्तरः
i) का
ii) को
iii) से
iv) की।
प्रश्न 41. इ) निम्नलिखित वाक्यों को सूचनानुसार बदलिए: (3 ×
1 = 3)
i) शंकर गाड़ी में नारियल भर कर लाता है। (भूतकाल में बदलिए)
ii) झूठे से सभी घृणा करते हैं। (भविष्यत्काल में बदलिए)
iii) सेवा करने से चरित्र बनता था। (वर्तमानकाल में बदलिए)
उत्तरः
i) शंकर गाड़ी में नारियल भर कर लाता था।
ii) झूठे से सभी घृणा करेंगे।
iii) सेवा करने से चरित्र बनता है।
प्रश्न 42. ई) निम्नलिखित मुहावरों को अर्थ के साथ जोड़कर लिखिएः (4 × 1 =
4)
i) खिल्ली उड़ाना a) मेहनत से बचना
ii) तारे गिनना b) हँसी उड़ाना
iii) आँखों का तारा c) प्रतीक्षा करना
iv) जी चुराना d) बहुत प्यारा
उत्तरः
i –
b; ii – c; iii – d; iv – a.
प्रश्न 43. उ) अन्य लिंग रूप लिखिए: (3
× 1 = 3)
i) सम्राट
ii) वर
iii) मोर।
उत्तरः
i) सम्राज्ञी
ii) वधु
iii) मोरनी।
प्रश्न 44. ऊ) अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए : (3 × 1 = 3)
i) जिसे जीता न जा सके।
ii) जो साथ पढ़ता हो।
iii) जो परिचित न हो।
उत्तरः
i) अजेय;
ii) सहपाठी;
iii) अपरिचित।
प्रश्न 45. ए) निम्नलिखित शब्दों के साथ उपसर्ग जोड़कर नए शब्दों का निर्माण कीजिए : (2× 1 = 2)
i) क्रमण
ii) रूप।
उत्तरः
i) क्रमण = आ + क्रमण = आक्रमण।
ii) रूप = स्व + रूप = स्वरूप।
प्रश्न 46. ऐ) निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय अलग कर लिखिए: (2 × 1
= 2)
i) सत्यता
ii) आवश्यकता।
उत्तर:
i) सत्यता = सत्य + ता।
ii) आवश्यकता = आवश्यक + ता।
प्रश्न 47. VI. अ) किसी एक विषय पर निबंध लिखिए : (1 × 5 = 5)
i) आपका प्रिय कवि।
ii) राष्ट्रीयता।
iii) पुस्तकालय।
अथवा
परीक्षा में सफल होने पर बधाई देते हुए अपने छोटे भाई को एक पत्र लिखिए।
प्रश्न 48. आ) निम्नलिखित अनुच्छेद पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए: (5 × 1 = 5)
काशी में संगीत आयोजन की एक प्राचीन एवं अद्भुत परम्परा है। यह आयोजन पिछले कई बरसों से संकटमोचन मंदिर में होता आया है। यह मंदिर शहर के दक्षिण में लंका पर स्थित है व हनुमान जयंती के अवसर पर यहाँ पाँच दिनों तक शास्त्रीय एवं उप-शास्त्रीय गायन-वादन की उत्कृष्ट सभा होती है। इसमें बिस्मिल्ला खाँ अवश्य रहते थे। अपने मजहब के प्रात अत्यधिक समर्पित उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ की श्रद्धा काशी विश्वनाथ जी के प्रति भी अपार थी। वे जब भी काशी से बाहर रहते तब विश्वनाथ व बालाजी मंदिर की दिशा की ओर मुँह करके बैठते, थोड़ी देर ही सही, मगर उसी ओर शहनाई का प्याला धुमा दिया जाता और भीतर की आस्था रीड़ के माध्यम से बजती थी। खाँ साहब की एक रीड 15 से 20 मिनट के अंदर गीली हो जाती थी, तब वे दूसरी रीड का इस्तेमाल कर लिया करते थे।
प्रश्न:
i) काशी की प्राचीन एवं अद्भुत परम्परा क्या है?
ii) संकटमोचन मंदिर कहाँ पर स्थित है?
ii) बिस्मिल्ला खाँ की श्रद्धा किसके प्रति अपार थी?
iv) उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ किस वाद्य को बजाते थे?
v) खाँ साहब की एक रीड कितने समय में गीली हो जाती थी?
प्रश्न 49. इ) हिन्दी में अनुवाद कीजिए: (5
× 1 = 5)
प्रश्न 39. V. अ) वाक्य शुद्ध कीजिएः (4
× 1 = 4)
i) मेरा तो प्राण निकल गया।
ii) संदीप को पूछो।
iii) यह एक इतिहासिक घटना है।
iv) कोयल डाली में बैठी है।
उत्तरः
i) मेरे तो प्राण निकल गये।
ii) संदीप से पूछो
iii) यह एक ऐतिहासिक घटना है।
iv) कोयल डाली पर बैठी है।
प्रश्न 40. आ) कोष्टक में दिये गए उचित शब्दों से रिक्त स्थान भरिए: (4 × 1 =
4)
(पावन, भला, समाज, समय)
i) आप …………… तो जग भला।
ii) ……… परिवर्तनशील है।
iii) वह सरस्वती देवी का …………… मंदिर है।
iv) साहित्य …………… का दर्पण है।
उत्तरः
i) भला
ii) समय
iii) पावन
iv) समाज।
प्रश्न 41. इ) निम्नलिखित वाक्यों को सूचनानुसार बदलिए: (3 ×
1 = 3)
i) वसुंधरा गाना गाती थी। (वर्तमानकाल में बदलिए)
ii) वह आग चिता पर रखेगा। (भूतकाल में बदलिए)
iii) पृथ्वीराज ने देश की सेवा की। (भविष्यत्काल में बदलिए)
उत्तरः
i) वसुंधरा गाना गाती है।
ii) उसने आग चिता पर रख दी।
iii) पृथ्वीराज देश की सेवा करेगा।
प्रश्न 42. ई) निम्नलिखित मुहावरों को अर्थ के साथ जोड़कर लिखिए: (4 × 1 =
4)
i) खिल्ली उड़ाना a) रूठ जाना
ii) मुँह फुलाना b) सफल न होना
ii) टोपी उछालना c) हँसी उड़ाना
iv) दाल न गलना d) अपमानित करना
उत्तरः
i –
c, ii – a, iii – d, iv – b.
प्रश्न 43. उ) अन्य लिंग रूप लिखिए: (3
× 1 = 3)
i) श्रीमती
ii) गाय
iii) पुत्रवान।
उत्तरः
i) श्रीमान
ii) बैल
iii) पुत्रवती।
प्रश्न 44. ऊ) अनेक शब्दों के लिए एक शब्द बनाइए : (3 × 1 = 3)
i) नीचे लिखा हुआ।
ii) जो पुत्र गोद लिया हो।
iii) जो छिपाने योग्य हो।
उत्तरः
i) निम्नलिखित
ii) दत्तक
iii) गुप्त/रहस्य।
प्रश्न 45. ए) निम्नलिखित शब्दों के साथ उपसर्ग जोड़कर नए शब्दों का निर्माण कीजिए : (2 × 1 = 2)
i) परिवार
ii) शासन।
उत्तर:
i) परिवार = स + परिवार = सपरिवार।
ii) शासन = अनु + शासन = अनुशासनं।
प्रश्न 46. ऐ) निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय अलग कर लिखिए: (2 × 1
= 2)
i) बलवान
ii) घुमाव।
उत्तरः
i) बलवान = बल + वान।
ii) घुमाव = घुम + आव।
प्रश्न 47. VI. अ) किसी एक विषय पर निबंध लिखिए : (1 × 5 = 5)
i)
a) इंटरनेट की दुनिया।
b) खेल जगत में क्रिकेट का स्थान।
c) राष्ट्रीय एकता।
अथवा
ii)
चरित्र प्रमाण-पत्र प्राप्त करने हेतु अपने कॉलेज के प्राचार्य को आवेदन-पत्र लिखिए।
प्रश्न 48. आ) निम्नलिखित अनुच्छेद पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए: (5 × 1 = 5)
यह कहावत सत्य है कि समय बलवान है, इस पर किसी का वश नहीं चलता। आनेवाले समय में अच्छा-बुरा क्या घट जाए, कोई नहीं जानता। ऐसे अनिश्चित समय के लिए यदि उसके पास कुछ संचित धन है तो उसके काम आ सकता है। कोई भी व्यक्ति दूसरों के सहारे न तो कल रह सका है, न आज रह पा रहा है, न ही भविष्य में रह सकता है। सत्य है। मनष्य का आज का जीवन कई प्रकार की आकस्मिकताओं वाला बन चुका है। अतः उन आकस्मिकताओं का ठीक प्रकार से सामना करने के लिए, प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वह प्रतिदिन जितनी भी हो अधिक-से-अधिक बचत करता रहे। इसी में उसकी भलाई है। आज की गई एक-एक पैसे की बचत कल का अनंत सुख सिद्ध हो सकती हैं। धन की कमी से सुखपूर्वक तो क्या सामान्य जीवन कतई संभव नहीं है। मनुष्य के जीवन में हमेशा से धन की आवश्यकता बनी रही है। उसे पूरा करने के लिए बचत करना नितांत आवश्यक है। अतः व्यक्ति अपने सभी तरह के स्रोतों से आज और कल में संतुलन बनाए रखकर ही सुख-चैन से जीवन जी सकता है।
प्रश्नः
i) कौन सी कहावत सत्य है?
ii) कटु सत्य क्या है?
iii) मनुष्य की भलाई किस में है?
iv) धन की कमी से क्या संभव नहीं है?
v) व्यक्ति सुख-चैन से कब जी सकता है?
प्रश्न 49. इ) हिन्दी में अनुवाद कीजिए: (5
× 1 = 5)
V. अ) वाक्य शुद्ध कीजिए: (4 ×
1 = 4)
i) तुम तुम्हारे धर्म का पालन करो।
ii) उसके हाथ काँप रही थी।
iii) सुमन माधव का पुत्री है।
iv) बाजार गये है पिताजी।
उत्तरः
i) तुम अपने धर्म का पालन करो।
ii) उसके हाथ काँप रहे थे।
iii) सुमन माधव की पुत्री है।
iv) पिताजी बाजार गए हैं।
आ) कोष्टक में दिये गए उचित शब्दों से रिक्त स्थान भरिएः (4 × 1 = 4)
(से, को, ने, में)
i) जो खर्च करता है, उसी ………… देता है।
ii) अब इन व्यापारों …………… उसे घृणा होती थी।
iii) बेंगलूरु …………… खर्च चलाना मुश्किल था।
iv) पंछी …………… पिंजरा खाली किया।
उत्तरः
i) को
ii) से
iii) में
iv) ने।
इ) निम्नलिखित वाक्यों को सूचनानुसार बदलिए: (3 × 1 = 3)
i) गोविन्द फल खाता है। (भविष्यत्काल में बदलिए)
ii) अशोक ने पाठ पढ़ा। (वर्तमानकाल में बदलिए)
iii) असली झगड़ा कुर्सी का है। (भूतकाल में बदलिए)
उत्तर:
i) गोविन्द फल खायेगा।
ii) अशोक पाठ पढ़ता है।
ii) असली झगड़ा कुर्सी का था।
ई) निम्नलिखित मुहावरों को अर्थ के साथ जोड़कर लिखिएः (4 × 1 = 4)
i) पोल खुलना a) रक्षा करना
ii) ढाढ़स बाँधना b) रहस्य प्रकट होना
iii) तार देना c) चकित होकर देखना
iv) आँखे फाडे देखना d) हिम्मत बढ़ाना
उत्तरः
i – b, ii – d, iii – a, iv – c.
उ) अन्य लिंग रूप लिखिए: (3 × 1 = 3)
i) मालिक
ii) साधु
iii) पुजारी।
उत्तरः
i) मालकिन
ii) साध्वी
iii) पुजारिन।
ऊ) अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए: (3
× 1 = 3)
i) जिसका आदि न हो।
ii) नीति जाननेवाला।।
iii) जो जन्म से अंधा हो।
उत्तरः
i) अनादि
ii) नीतिज्ञ
iii) जन्मान्ध।
ए) निम्नलिखित शब्दों के साथ उपसर्ग जोड़कर नए शब्दों का निर्माण कीजिए : (2 × 1 = 2)
i) तिथि।
ii) नायक।
उत्तरः
i) तिथि = अ + तिथि = अतिथि।
ii) नायक = वि + नायक = विनायक।
ऐ) निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय अलग कर लिखिए: (2 × 1 = 2)
i) राष्ट्रीय।
ii) स्वच्छता।
उत्तर:
i) राष्ट्रीय = राष्ट्र + ईय।
ii) स्वच्छता = स्वच्छ + ता।
VI. अ) किसी एक विषय पर निबंध लिखिए : (1 × 5 = 5)
i)
a) मनोरंजन के आधुनिक साधन ।
b) समय का सदुपयोग।
c) स्वच्छता अभियान।
अथवा
ii)
छात्रावास से अपने पिता को एक पत्र लिखिए।
आ) निम्नलिखित अनुच्छेद पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए: (5 × 1 = 5)
भारत विश्व सभ्यता का जनक है, क्योंकि इसकी सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यता है। प्रलय के बाद सर्वप्रथम भारत भूमि पर ही मनु द्वारा सृष्टि की रचना हुई। धरती का स्वर्ग तथा अनेक ऋषि-मुनियों, देवताओं और महापुरुषों की पुण्य भूमि भारत पर स्वयं भगवान राम और कृष्ण ने अवतार लेकर इसकी मिट्टी को तिलक करने योग्य बना दिया। दुनिया की अनेक संस्कृतियाँ मिट गई परंतु भारत की संस्कृति आज भी जीवित है। अपने ऐश्वर्य और समृद्धि के कारण यह ‘सोने की चिड़िया’ कहलाया। सभी प्रकार की कलाओं और विद्याओं का शुभारंभ इसी धरती पर हुआ। तथा मोक्ष का मूलमंत्र भी सर्व प्रथम इसी धरती के लोगों के हाथ लगा जिसे संपूर्ण विश्व में फैलाकर भारत ‘विश्वगुरु’ कहलाया। आज भारत ने हर क्षेत्र में अद्भुत प्रगति की है। इसलिए हम गर्व से कहेंगे ‘मेरा भारत महान है’।
प्रश्नः
i) भारत को किसका जनक कहा जाता है?
ii) प्रलय के बाद किसकी रचना हो गई?
iii) धरती को स्वर्ग और मिट्टी को तिलक के योग्य किस-किसने बनाया?
iv) किसके कारण भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता है?
v) किसका शुभारंभ भारत भूमि पर हुआ है?
इ) हिन्दी में अनुवाद कीजिए: (5 × 1 = 5)
V. अ) वाक्य शुद्ध कीजिएः (4 ×
1 = 4)
i) अध्यापक जी पढ़ा रहा है।
ii) पृथ्वराज को पूछो।
iii) कोयल डाली में बैठी है।
iv) कोई ने मेरी पुस्तक देखी?
उत्तरः
i) अध्यापक जी पढ़ा रहे हैं।
ii) पृथ्वराज से पूछो।
iii) कोयल डाली पर बैठी है।
iv) किसी ने मेरी पुस्तक देखी?
आ) कोष्टक में दिये गए उचित शब्दों से रिक्त स्थान भरिएः (4 × 1 = 4)
(विज्ञान, स्वभाव, समाज, समय)
i) अपर्णा के …………… में मधुरता है।
ii) आज का युग ……………. का युग है।
iii) ……………. परिवर्तनशील है।
iv) साहित्य ………….. का दर्पण है।
उत्तरः
i) स्वभाव
ii) विज्ञान
iii) समय
iv) समाज।
इ) निम्नलिखित वाक्यों को सूचनानुसार बदलिए: (3 × 1 = 3)
i) संदीप कुंभ मेले में जा रहा है। (भविष्यत्काल में बदलिए)
ii) वसुंधरा ने देश की सेवा की। (वर्तमानकाल में बदलिए)
iii) वह आग चिता पर रखेगा। (भूतकाल में बदलिए)
उत्तरः
i) संदीप कुंभ मेले में जाएगा।
ii) वसुंधरा देश की सेवा करती है।
iii) उसने आग चिता पर रखा।
ई) निम्नलिखित मुहावरों को अर्थ के साथ जोड़कर लिखिएः (4 × 1 = 4)
i) दाल न गलना a) मेहनत से बचना
ii) दिन फिरना b) सफल न होना
iii) नींव डालना c) भाग्य पलटना
iv) जी चुराना d) आरम्भ करना
उत्तरः
i –
b, ii – c, iii – d, iv – a.
उ) अन्य लिंग रूप लिखिए: (3 × 1 = 3)
i) गाय
ii) अभिनेता
iii) स्वामिनी।
उत्तरः
i) बैल
ii) अभिनेत्री
iii) स्वामी।
ऊ) अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए: (3
× 1 = 3)
i) आँखों के सामने होनेवाला।
ii) नीचे लिखा हुआ।
iii) जो परिचित न हो।
उत्तरः
i) आँखों देखी / प्रत्यक्ष
ii) निम्नलिखित
iii) अपरिचित।
ए) निम्नलिखित शब्दों के साथ उपसर्ग जोड़कर नए शब्दों का निर्माण कीजिए : (2 × 1 = 2)
i) शिक्षित
ii) जीवन।
उत्तरः
i) शिक्षित = अ + शिक्षित = अशिक्षित।
ii) जीवन = आ + जीवन = आजीवन।
ऐ) निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय अलग कर लिखिएः (2 × 1 = 2)
i) पागलपन
ii) महत्वपूर्ण।
उत्तर:
i) पागलपन = पागल + पन।
ii) महत्वपूर्ण = महत्व + पूर्ण।
VI. अ) किसी एक विषय पर निबंध लिखिए : (1 × 5 = 5)
i)
a) दूरदर्शन।
b) इंटरनेट की दुनिया।
c) बेरोजगारी की समस्या।
अथवा
ii) शैक्षणिक प्रवास जाने के लिए पिता से हजार रुपए माँगते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर:
a) दूरदर्शन
आधुनिक युग विज्ञान का युग कहलाता है। इस युग में मानव की सुविधा के लिए विज्ञान ने अनेक चीजें दी है। मनोरंजन के नये-नये साधन दिये है। उनमें एक है दूरदर्शन। दूरदर्शन का स्थान आज बहुत ऊँचा और महत्त्वपूर्ण है।
आज शहरों से लेकर गाँव तक के लोग दूरदर्शन की प्राप्ति के लिए उत्सुक हैं। सरकार ने बहुत से शहरों में दूरदर्शन की सुविधा प्रदान की है। सभी गावों को भी दूरदर्शन की व्याप्ति में लाने का प्रयत्न हो रहा है।
जिस प्रकार रेडियों के द्वारा हम दूर की बातों को सुन सकते हैं उसी तरह दूरदर्शन से दूर की घटनाओं को हम घर बैठे देख सकते हैं। अमेरिका में जो कुछ हो रहा है उसको हम उसी समय अपने घर में बैठकर देख सकते हैं।
संसार के किसी भी कोने में हुईं घटनाओं को, चाहे वे सुखदायी हो या दुखदायी, यथावत् लोगों के सामने रखने का काम दूरदर्शन करता है। दूरदर्शन का उपयोग आजकल उच्च शिक्षा में भी किया जाता है। बड़े-बड़े वैज्ञानिक प्रयोग, शोध आदि का परिचय दूरदर्शन द्वारा सारे विश्व को कराया जाता है।
लोगों को शिक्षित करने में दूरदर्शन का महत्त्वपूर्ण स्थान है। भारत जैसे अर्धविकसित देश में छब्बीस प्रतिशत लोग अनपढ़ हैं। अनपढ़ों को पढ़ाई, स्वास्थ्य, नागरिक शिक्षा आदि विषयों के बारे में जानकारी देने में दूरदर्शन के द्वारा अत्यधिक सहायता प्राप्त होती है।
दूरदर्शन मनोरंजन का प्रमुख साधन है। यह हमें मनोरंजन प्रदान करता है। दूरदर्शन सस्ते दामों पर विज्ञान और मनोरंजन को प्रदान करने में सफल हुआ है। लोग घर बैठे-बैठे बिना कष्ट के अपना मनोविकास और मनोरंजन कर सकते हैं। इस प्रकार दूरदर्शन आजकल एक सफल लोकप्रिय प्रचार-माध्यम साबित हुआ है।
दूरदर्शन से कुछ हानियाँ भी है। दूरदर्शन के प्रचार से सिनेमा उद्योग को कुछ धक्का लगा है। लोग अब घर में ही बैठ कर अपने पसंद की फिल्में देख सकते हैं। बड़े-बड़े राष्ट्रीय खेल, प्रतियोगिताएँ बिना पैसे दिये घर बैठ कर हम देख सकते हैं। इससे खेलों के मैदान में भीड़ कम हो गयी है। दूरदर्शन का उपयोग अधिक करने के कारण लोगों की दृष्टि भी कमजोर हो जाती है। दूरदर्शन में आज बच्चों की रुचि अधिक हो गयी है। इससे इसका असर उनकी पढ़ाई पर पड़ गया है। बच्चे अपनी पढ़ाई की ओर कम ध्यान दे रहे हैं। दूरदर्शन के सभी कार्यक्रम नियंत्रित होने के कारण इसमें हानियों की अपेक्षा लाभ अधिक है। दूरदर्शन में उत्तम कार्यक्रम का प्रसार करना चाहिए।
b) इंटरनेट की दुनिया
इंटरनेट दुनिया भर में फैले कम्प्यूटरों का एक विशाल संजाल है जिसमें ज्ञान एवं सूचनाएं भौगोलिक एवं राजनीतिक सीमाओं का अतिक्रमण करते हुए अनवरत प्रवाहित होती रहती हैं।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सियोनार्ड क्लिनरॉक को इन्टरनेट का जन्मदाता माना जाता है। इन्टरनेट की स्थापना के पीछे उद्देश्य यह था कि परमाणु हमले की स्थिति में संचार के एक जीवंत नेटवर्क को बनाए रखा जाए। लेकिन जल्द ही रक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला से हटकर इसका प्रयोग व्यावसायिक आधार पर होने लगा। फिर इन्टरनेट के व्यापक स्तर पर उपयोग की संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त हुआ और अपना धन लगाना प्रारम्भ कर दिया।
1992
ई. के बाद इन्टरनेट पर ध्वनि एवं वीडियो का आदान-प्रदान संभव हो गया। अपनी कुछ दशकों की यात्रा में ही इन्टरनेट ने आज विकास की कल्पनातीत दूरी तय कर ली है। आज के इन्टरनेट के संजाल में छोटे-छोटे व्यक्तिगत कम्प्यूटरों से लेकर मेनफ्रेम और सुपर कम्प्यूटर तक परस्पर सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहे हैं। आज जिसके पास भी अपना व्यक्तिगत कम्प्यूटर है वह इंटरनेट से जुड़ने की आकांक्षा रखता है।
इन्टरनेट आधुनिक विश्व के सूचना विस्फोट की क्रांति का आधार है। इन्टरनेट के ताने-बाने में आज पूरी दुनिया है। दुनिया में जो कुछ भी घटित होता है और नया होता है वह हर शहर में तत्काल पहँच जाता है। इन्टरनेट आधुनिक सदी का ऐसा ताना-बना है, जो अपनी स्वच्छन्द गति से पूरी दुनिया को अपने आगोश में लेता जा रहा है। कोई सीमा इसे रोक नहीं सकती। यह एक ऐसा तंत्र है, जिस पर किसी एक संस्था या व्यक्ति या देश का अधिकार नहीं है बल्कि सेवा प्रदाताओं और उपभोक्ताओं की सामूहिक सम्पत्ति है।
इन्टरनेट सभी संचार माध्यमों का समन्वित एक नया रूप है। पत्र-पत्रिका, रेडियो और टेलीविजन ने सूचनाओं के आदान-प्रदान के रूप में जिस सूचना क्रांति का प्रवर्तन किया था, आज इन्टरनेट के विकास के कारण वह विस्फोट की स्थिति में है। इन्टरनेट के माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान एवं संवाद आज दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक पलक झपकते संभव हो चुका है।
इन्टरनेट पर आज पत्र-पत्रिकाएं प्रकाशित हो रही हैं, रेडियों के चैनल उपलब्ध हैं और टेलीविजन के लगभग सभी चैनल भी मौजूद हैं। इन्टरनेट से हमें व्यक्ति, संस्था, उत्पादों, शोध आंकड़ों आदि के बारे में जानकारी मिल सकती है। इन्टरनेट के विश्वव्यापी जाल (www) पर सुगमता से अधिकतम सूचनाएं प्राप्त की जा सकती हैं। इसके अतिरिक्त यदि अपने पास ऐसी कोई सूचना है जिसे हम सम्पूर्ण दुनिया में प्रसारित करना चाहें तो उसका हम घर बैठे इन्टरनेट के माध्यम से वैश्विक स्तर पर विज्ञापन कर सकते हैं। हम अपने और अपनी संस्था तथा उसकी गतिविधियों, विशेषताओं आदि के बारे में इन्टरनेट पर अपना होमपेज बनाकर छोड़ सकते हैं। इन्टरनेट पर पाठ्य सामग्री, प्रतिवेदन, लेख, कम्प्यूटर कार्यक्रम और प्रदर्शन आदि सभी कुछ कर सकते हैं। दूरवर्ती शिक्षा की इन्टरनेट पर असीम संभावनाएं हैं।
इन्टरनेट की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भी अहम् भूमिका है। विभिन्न प्रकार के सर्वेक्षण एवं जनमत संग्रह इन्टरनेट के द्वारा भली-भांति हो सकते हैं। आज सरकार को जन-जन तक पहुंचने के लिए ई-गवर्नेस की चर्चा हो रही है। व्यापार के क्षेत्र में इन्टरनेट के कारण नई संभावनाओं के द्वार खुले हैं। आज दुनिया भर में अपने उत्पादों और सेवाओं का विज्ञापन एवं संचालन अत्यंत कम मूल्य पर इन्टरनेट द्वारा संभव हुआ है। आज इसी संदर्भ में वाणिज्य के एक नए आयाम ई-कॉमर्स की चर्चा चल रही है। इन्टरनेट सूचना, शिक्षा और मनोरंजन की त्रिवेणी है। यह एक अन्तःक्रिया का बेहतर और सर्वाधिक सस्ता माध्यम है। आज इन्टरनेट कल्पना से परे के संसार को धरती पर साकार करने में सक्षम हो रहा है। जो बातें हम पुराण और मिथकों में सुनते थे और उसे अविश्वसनीय और हास्यास्पद समझते थे वे सभी आज इन्टरनेट की दुनिया में सच होते दिख रहे हैं। टेली मेडिसीन एवं टेली ऑपरेशन आदि इन्टरनेट के द्वारा ही संभव हो सके हैं।
c) बेरोजगारी की समस्या
बेरोजगारी का अर्थ है- काम चाहने वाले व्यक्ति को कार्य क्षमता रहते हुए भी काम न मिलना। बेरोजगारी किसी भी राष्ट्र के लिए चिंता का विषय है। बेरोजगारी के कारण राष्ट्रों का सर्वांगीण विकास नहीं हो पा रहा है, जिससे वे त्रस्त हैं। भारत में यह समस्या कुछ ज्यादा ही गंभीर है। भारत के गांव-शहर तथा शिक्षित-अशिक्षित सभी इस समस्या से ग्रस्त हैं।
अब बेरोजगारी की समस्या के कारण और निवारण – दोनों पर दृष्टिपात करना आवश्यक है। जनसंख्या वृद्धि, कृषि पर अधिक भार, प्राकृतिक प्रकोप, मशीनीकरण एवं दोषपूर्ण शिक्षा प्रणाली – बेरोजगारी के मूल कारण हैं। भारत में उत्पादन एवं रोजगार वृद्धि पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। फलतः बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है।
बेरोजगारी की समस्या दूर करने के लिए शिक्षा एवं परिवार नियोजन की सहायता से जनसंख्या वृद्धि की दर घटाना आवश्यक है। भारत की आबादी का 60 प्रतिशत भाग कृषि पर आधारित है। इधर जनसंख्या वृद्धि के कारण कृषि भूमि में दिनों-दिन कमी हो रही है। इसके कारण भी बेरोजगारों की संख्या में इजाफा हो रहा है। भारतीय किसानों को प्राकृतिक प्रकोपों का भी सामना करना पड़ता है – कभी अतिवृष्टि, तो कभी अनावृष्टि। इससे लोग बेकार हो जाते हैं। अतः इस समस्या के समाधान हेतु सहकारिता एवं वैज्ञानिक उपाय खेती के लिए अपनाने होंगे।
वर्तमान युग तो मशीनों का युग है। इन मशीनों ने उद्योगों में लगे लाखों मजदूरों के काम छीनकर उन्हें बेकारों की पंक्ति में खड़ा कर दिया है। इसी कारणवश हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने मशीनीकरण का विरोध किया था। इससे छुटकारा पाने के लिए गाँवों तथा शहरों में कुटीर और लघु उद्योगों का जाल फैलाना होगा।
वर्तमान शिक्षा प्रणाली में आमूल परिवर्तन लाकर ही इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके लिए व्यावहारिक शिक्षा प्रणाली अपनानी होगी, जिससे ज्ञानी मस्तिष्क के साथ साथ कुशल हाथ भी निकलें अर्थात शिक्षा को रोजगारोन्मुखी बनाया जाए। साथ ही साथ लोगों में नौकरी परस्ती की प्रवृत्ति के बजाय रोजगार परक प्रवृत्ति जागृत करनी होगी।
बेरोजगारी का दुष्प्रभाव प्रकारांतर से समाज पर पड़ता है, जिससे समाज अनेक समस्याओं से ग्रस्त हो जाता है। खासकर शिक्षित बेरोजगार युवकों का मस्तिष्क रचनात्मक न रहकर विध्वंसात्मक हो जाता है। समाज में आश्चर्य चकित करने वाले अपराध हो रहे हैं, जो बेरोजगारों के मस्तिष्क की उपज हैं। अशिक्षितों के बेरोजगार रहने से उतनी गंभीर समस्या नहीं उत्पन्न होती, जितनी गंभीर समस्या शिक्षित बेरोजगारों से उत्पन्न होती है।
अथवा
ii)
दि.: 12 अप्रेल 2018
पूज्य पिताजी,
सादर प्रणाम।
मैं यहाँ आपके आशीर्वाद से कुशल हूँ। आपका पत्र मिला, पढ़कर अत्यंत खुशी हुई। मेरी पढ़ाई ठीक चल रही है। आपकी आज्ञानुसार मन लगाकर दिन-रात पढ़ाई में व्यस्त रहता हूँ। खेलकूद या गपशप में ज्यादा समय गँवा नहीं रहा हूँ।
हमारे स्कूल की ओर से अगले महीने 10 से 13 तारीख तक शैक्षिक-यात्रा का आयोजन हुआ है। उसमें मेरे सारे मित्र जा रहे हैं। उनके साथ मैं भी जाना चाहता हूँ। इसलिए मनीआर्डर द्वारा मुझे तुरंत १५०० रुपये भेजने की कृपा करें। माताजी को मेरा प्रणाम, छोटी बहन प्रिया को ढेर सारा प्यार।
आपका आज्ञाकारी बेटा,
हर्ष
सेवा में,
श्री प्रभाकर बी.एम.
घर नं. 521, भरत निवास
कर्नाटक स्कूल के समीप
राजेश्वरी नगर, बीदर जिला।
आ) निम्नलिखित अनुच्छेद पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए: (5 × 1 = 5)
फिजूलखर्ची एक बुराई है, लेकिन ज्यादातर मौकों पर हम इसे भोग, अय्याशी से जोड़ लेते हैं। फिजूलखर्ची के पीछे बारीकी से नजर डालें तो अहंकार नजर आएगा। अहंकार को प्रदर्शन से तृप्ति मिलती है। अहं की पूर्ति के लिए कई बार बुराइयों से रिश्ता भी जोड़ना पड़ता है। अहंकारी लोग बाहर से भले ही गंभीरता का आवरण ओढ़ लें, लेकिन भीतर से वे उथलेपन और छिछोरेपन से भरे रहते हैं। जब कभी समुद्र तट पर जाने का मौका मिले खएगा लहरें आती हैं. जाती हैं और यदि चट्टानों से टकराती हैं तो पत्थर वहीं रहते हैं, लहरें उन्हें भिगोकर लौट जाती हैं। हमारे भीतर हमारे आवेगों की लहरें हमें ऐसे ही टक्कर देती हैं। इन आवेगों, आवेशों के प्रति अडिग रहने का अभ्यास करना होगा, क्योंकि अहंकार यदि लम्बे समय टिके रहे, तो वह नए-नए तरीके ढूँढ़ेगा। अहंकार के कारण ही जीवन का आनन्द खो जाता है। इसलिए प्रयास करें कि विनम्र और निरहंकारी बने रहें।
प्रश्नः
i) फिजूलखर्ची को किसके साथ जोड़ लेते हैं?
ii) अहं की पूर्ति के लिए क्या करना पड़ता है?
iii) अहंकारी लोग भीतर से कैसे रहते हैं?
iv) समुद्र तट पर जाने से क्या देखने को मिलेगा?
v) जीवन का आनंद क्यों खो जाता है?
उत्तरः
i) फिजूलखर्ची को अय्याशी के साथ जोड़ लेते हैं।
ii) अहं की पूर्ति के लिए कई बार बुराइयों से रिश्ता जोड़ना पड़ता है।
iii) अहंकारी लोग भीतर से उथलेपन और छिछोरेपन से भरे रहते हैं।
iv) समुद्र तट पर जाने से लहरें देखने को मिलेंगे।
v) जीवन का आनंद अहंकार के कारण से खो जाता है।
इ) हिन्दी में अनुवाद कीजिए: (5 × 1 = 5)
V. अ) वाक्य शुद्ध कीजिए: (4 ×
1 = 4)
i) वह एक दिन मेरा पास आया था।
ii) उसे किसी की डर नहीं है।
iii) आज तक मैं धोखा नहीं खाया।
iv) भोलाराम का पत्नी बाहर आयी।
उत्तरः
i) वह एक दिन मेरे पास आया था।
ii) उसे किसी का डर नहीं है।
iii) आज तक मैंने धोखा नहीं खाया।
iv) भोलाराम की पत्नी बाहर आयी।
आ) कोष्टक में दिये गए उचित शब्दों से रिक्त स्थान भरिएः (सम्मान, कर्त्तव्य, प्रवृत्ति, सत्य) (4 × 1 = 4)
i) सच्चाई की ओर हमारी …………… झुकती है।
ii) मनष्य का परम धर्म …………… बोलना है।
iii) स्वार्थी लोग अपने …………… पर ध्यान नहीं देते।
iv) सत्य बोलने से हमारा …………… होगा।
उत्तरः
i) प्रवृत्ति
ii) सत्य
iii) कर्त्तव्य
iv) सम्मान
इ) निम्नलिखित वाक्यों को सूचनानुसार बदलिए: (3 × 1 = 3)
i) निमोनिया के कारण रोगी मर जाएगा। (वर्तमानकाल में बदलिए)
ii) राहुल कुंभ मेले में जा रहा है। (भविष्यत्काल में बदलिए)
iii) कुछ और पहले की घटना याद आती है। (भूतकाल में बदलिए)
उत्तर:
i) निमोनिया के कारण रोगी मरता/मर रहा/मर जाता है।
ii) राहुल कुंभ मेले में जायेगा।
iii) कुछ और पहले की घटना याद आती थी।
ई) निम्नलिखित मुहावरों को अर्थ के साथ जोड़कर लिखिए: (4 × 1 = 4)
i) रंग जमाना a) हारकर भागना
ii) पीठ दिखाना b) भाग जाना
iii) नौ दो ग्यारह होना c) याचना करना
iv) हाथ फैलाना d) धाक जमाना
उत्तरः
i –
d; ii – a; iii – b; iv – c.
उ) अन्य लिंग रूप लिखिए: (3 × 1 = 3)
i) भगवान
ii) महाराज
iii) विधवा
उत्तरः
i) भगवती
ii) महारानी
iii) विधुर
ऊ) अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए : (3 × 1 = 3)
i) हित चाहने वाला।
ii) सदा सत्य बोलने वाला।
iii) रोगी का इलाज करने वाला।
उत्तरः
i) हितैषी
ii) सत्यवादी
iii) चिकित्सक/वैद्य।
ए) निम्नलिखित शब्दों के साथ उपसर्ग जोड़कर नए शब्दों का निर्माण कीजिए : (2 × 1 = 2)
i) स्वार्थ
ii) सत्य।
उत्तरः
i) स्वार्थ = निः + स्वार्थ = निस्वार्थ
ii) सत्य = अ + सत्य = असत्य
ऐ) निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय अलग कर लिखिए: (2 × 1 = 2)
i) महत्वपूर्ण
ii) कायरता।
उत्तरः
i) महत्वपूर्ण = महत्व + पूर्ण
ii) कायरता = कायर + ता
VI. अ) किसी एक विषय पर निबंध लिखिए : (1 × 5 = 5)
i) मनोरंजन के आधुनिक साधन।
ii) स्त्री शिक्षा की आवश्यकता।
iii) प्रदूषण की समस्या।
अथवा
अपने मित्र को नववर्ष की शुभकामना देते हुए पत्र लिखिए।
आ) निम्नलिखित अनुच्छेद पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए: (5 × 1 = 5)
“राजा राममोहन राय बचपन से ही बड़े प्रतिभाशाली थे। उनके पिता ने उनकी पढाई का समुचित प्रबंध किया। गाँव की पाठशाला में उन्होंने बँगला सीखी। उन दिनों कचहरियों में फारसी का बोलबाला था। अतः उन्होंने घर पर ही मौलवी से फारसी पढ़ी। नौ वर्ष की उम्र में वे अरबी की उच्च शिक्षा के लिए पटना भेजे गए। वहाँ वे तीन वर्ष तक रहे। उन्होंने कुरान का मूल अरबी में अध्ययन किया। बारह वर्ष की उम्र में वे काशी गए। चार वर्ष तक वहाँ उन्होंने संस्कृत का अध्ययन किया। इस बीच उन्होंने भारतीय दर्शन का भी अध्ययक किया।”
प्रश्न:
i) राजा राममोहन राय की पढ़ाई की व्यवस्था किसने की?
ii) राजा राममोहन राय ने बँगला कहाँ सीखी?
iii) उन्होंने अरबी की शिक्षा कहाँ से प्राप्त की?
iv) बारह वर्ष की उम्र में वे कहाँ गए?
v) उन्होंने कितने वर्ष तक संस्कृत का अध्ययन किया?
इ) हिन्दी में अनुवाद कीजिए: (5 × 1 = 5)
V. अ) वाक्य शुद्ध कीजिए: (4 × 1 = 4)
i) मैंने मकान बनवाने के लिए मैसूर जाना है।
ii) वह पैदल से गया है।
iii) श्यामा ने कहानी सुनाया।
iv) उसे बहुत गुस्सा आती है।
उत्तरः
i) मुझे मकान बनवाने के लिए मैसूर जाना है।
ii) वह पैदल गया है।
iii) श्यामा ने कहानी सुनायी।
iv) उसे बहुत गुस्सा आता है।
आ) कोष्टक में दिये गए उचित शब्दों से रिक्त स्थान भरिएः (4 × 1 = 4)
(को, से, ने, में)
i) हाथ ………….. गिलास छूट गया।
ii) स्त्री …………… सम्मान देना चाहिए।
iii) पुस्तकालय …………… बहुत सी किताबें हैं।
iv) पंछी …………. पिंजड़ा खाली किया।
उत्तरः
i) से
ii) को
iii) में
iv) ने।
इ) निम्नलिखित वाक्यों को सूचनानुसार बदलिए: (3 × 1 = 3)
i) जनसंख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। (भूतकाल में बदलिए)
ii) उस रोगी का शरीर बहुत दुर्बल था। (वर्तमानकाल में बदलिए)
iii) अंधी लकड़ी के सहारे मार्ग तय करती है। (भविष्यत्काल में बदलिए)
उत्तरः
i) जनसंख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही थी।
ii) उस रोगी का शरीर बहुत दुर्बल है।
iii) अंधी लकड़ी के सहारे मार्ग तय करेगी।
ई) निम्नलिखित मुहावरों को अर्थ के साथ जोड़कर लिखिए: (4 × 1 = 4)
i) अगर मगर करना a) बहुत प्यारा
ii) आँखों का तारा b) तैयार होना
iii) कलेजा फटना c) टाल मटोल करना
iv) कमर कसना d) असहनीय दुःख होना
उत्तरः
i –
c, ii – a, iii – d, iv – b.
उ) अन्य लिंग रूप लिखिएः (3 × 1 = 3)
i) अभिनेत्री
ii) संयोजक
iii) युवती।
उत्तरः
i) अभिनेता
ii) संयोजिका
iii) युवा।
ऊ) अनेक शब्दों के लिए एक शब्द बनाइए : (3
× 1 = 3)
i) बिना सोचे समझे किया गया विश्वास।
ii) जल में रहने वाला।
iii) छात्रों के रहने का स्थान।
उत्तर:
i) अंधविश्वास
ii) जलचर
iii) छात्रावास
ए) निम्नलिखित शब्दों के साथ उपसर्ग जोड़कर नए शब्दों का निर्माण कीजिए : (2 × 1 = 2)
i) नसीब
ii) सफल।
उत्तर:
i) नसीब = बद + नसीब = बदनसीब।
ii) सफल = अ + सफल = असफल।
ऐ) निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय अलग कर लिखिए: (2 × 1 = 2)
i) स्वच्छता
ii) गुणवान।
उत्तरः
i) स्वच्छता = स्वच्छ + ता।
ii) गुणवान = गुण + वान।
VI. अ) किसी एक विषय पर निबंध लिखिए : (1 × 5 = 5)
i)
a) अन्तरिक्ष विज्ञान और भारत ।
b) भारतीय नारी।
c) त्योहारों का जीवन में महत्व।
अथवा
ii) अपनी छोटी बहन को अच्छे स्वास्थ्य का महत्व बताते हुए एक पत्र लिखिए।
आ) निम्नलिखित अनुच्छेद पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए: (5 × 1 = 5)
मदर तेरेसा द्वारा किए जा रहे सेवा-कार्यों को समस्त विश्व में प्रतिष्ठा मिली है। उन्हें सम्मानसूचक तथा आर्थिक सहयोग के रूप में जो धन मिलता था, उसे वे सामाजिक सेवा कार्यों के उपयोग में लाती थीं। अधिकतर धनराशी, झुग्गी-झोंपड़ियों के निवासियों के लिए पाठशाला खोलने पर व्यय की जाती थी। अप्रैल 1962 में तत्कालीन राष्ट्रपति जी ने उन्हें ‘पद्मश्री’ से अलंकृत किया था। इसके तत्पश्चात् फिलीपिंस सरकार की ओर से उन्हें 10,000 डालर का पुरस्कार प्रदान किया गया। इस धनराशि से उन्होंने आगरा में कुष्ठाश्रम बनवाया, जहाँ कुष्ठ रोगियों की चिकित्सा की जाती है। सन् 1964 में जब पोप भारत आए थे, तो उन्होंने अपनी कार मदर तेरेसा को भेंट कर दी थी। मदर तेरेसा ने वह कार 59,930 डालर में नीलाम कर दी थी तथा उस धनराशि से कुष्ठ रोगियों की एक बस्ती बसाई, ताकि ऐसे लोगों की चिकित्सा और सही देखभाल की जा सके।
प्रश्न:
i) मदर तेरेसा के सेवा-कार्यों को कहाँ प्रतिष्ठा मिली है?
ii) अधिकतर धनराशि मदर तेरेसा द्वारा कैसे व्यय की जाती थी?
iii) उन्हें ‘पद्मश्री’ की उपाधि से कब अलंकृत किया गया था?
iv) फिलीपिंस सरकार से प्राप्त धनराशि से उन्होंने कहाँ कुष्ठाश्रम बनवाया?
v) किसने अपनी कार मदर तेरेसा को भेंट दी?
इ) हिन्दी में अनुवाद कीजिए: (5 × 1 = 5)
V. अ) वाक्य शुद्ध कीजिए: (4 × 1 = 4)
i) भैंस का ताकतवर दूध होता है।
ii) लड़की ने पत्र लिखी।
iii) उसका हाथ काँप रही थी।
iv) वह एक दिन मेरा पास आया था।
उत्तरः
i) भैंस का दूध ताकतवर होता है।
ii) लड़की ने पत्र लिखा।
iii) उसके हाथ काँप रहे थे।
iv) वह एक दिन मेरे पास आया था।
आ) कोष्टक में दिये गए कारक चिन्हों से रिक्त स्थान भरिएः (4 × 1 = 4)
(को, से, की, में)
i) रमेश ……………. तीन बहने हैं।
ii) हम लोग बाग …………… धूमेंगे।
iii) वह गाड़ी …………… उतरा।
iv) मैं ने ब्राह्मण …………… धन दिया।
उत्तरः
i) की
ii) में
iii) से
iv) को।
इ) निम्नलिखित वाक्यों को सूचनानुसार बदलिए: (3 × 1 = 3)
i) निमोनिया से रोगी मर जाएगा। (वर्तमानकाल में बदलिए)
ii) मीरा आँसू बहाती है। (भविष्यत्काल में बदलिए)
iii) जनसंख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। (भूतकाल में बदलिए)
उत्तरः
i) निमोनिया के कारण रोगी मरता/मर रहा/मर जाता है।
ii) मीरा आँसू बहाएगी।
iii) जनसंख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही थी।
ई) निम्नलिखित मुहावरों को अर्थ के साथ जोड़कर लिखिए: (4 × 1 = 4)
i) टाँग अड़ाना a) तेज दौड़ना
ii) छाती से लगाना b) मौज मस्ती करना
iii) हवा से बात करना c) व्यर्थ में दखल देना
iv) गुलछरें उड़ाना d) प्यार करना
उत्तरः
i –
c, ii – d, iii – a, iv – b.
उ) अन्य लिंग रूप लिखिएः (3 × 1 = 3)
i) विधुर
ii) हाथी
iii) ठाकुर।
उत्तरः
i) विधवा
ii) हथनि/हथिनि
iii) ठकुराइन।
ऊ) अनेक शब्दों के लिए एक शब्द बनाइए : (3
× 1 = 3)
i) अच्छे चरित्रवाला।
ii) कमल के समान नयन।
iii) कुम्भ को करनेवाला।
उत्तरः
i) चरित्रवान
ii) कमलनयन
iii) कुम्भार।
ए) निम्नलिखित शब्दों के साथ उपसर्ग जोड़कर नए शब्दों का निर्माण कीजिए : (2 × 1 = 2)
i) पूत
ii) ज्ञान।
उत्तरः
i) पूत = स + पूत = सपूत।
पूत = क + पूत = कपूत।
ii) ज्ञान = वि + ज्ञान = विज्ञान।
ज्ञान = अ + ज्ञान = अज्ञान।
ऐ) निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय अलग कर लिखिए: (2 × 1 = 2)
i) मासिक
ii) लिंगवंत।
उत्तर:
i) मासिक = मास + इक।
ii) लिंगवंत = लिंग + वंत।
VI. अ) किसी एक विषय पर निबंध लिखिए : (1 × 5 = 5)
i)
a) प्रदूषण की समस्या।
b) बेरोजगारी की समस्या।
c) विद्यार्थी और अनुशासन।
अथवा
ii)
छात्रवृत्ति के लिए अपने कालेज को आवेदन पत्र लिखिए।
आ) निम्नलिखित अनुच्छेद पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए: (5 × 1 = 5)
धर्म को लोगों ने धोखे की दुकान बना रखा है। वे उसकी आड़ में स्वार्थ सिद्ध करते हैं। बात यह है कि लोग धर्म को छोड़कर सम्प्रदाय के जाल में फँस रहे हैं। सम्प्रदाय बाह्य कृत्यों पर जोर देते हैं। वे चिन्हों को अपनाकर धर्म के सार-तत्व को छोड़ देते हैं। धर्म मनुष्य को अंतर्मुखी बनाता है। उसके हृदय किवाड़ों को खोलता है, उसी आत्मा को विशाल, मन को उदार तथा चरित्र को उन्नत बनाता है। सम्प्रदाय संकीर्णता सिखाते हैं, जात-पांत, रूप-रंग . तथा ऊँच-नीच के भेद भावों से ऊपर नहीं उठने देते।
प्रश्नः
i) धर्म को लोगों ने किसकी दुकान बना रखी है?
ii) लोग धर्म को छोड़कर किसके जाल में फंस रहे हैं?
iii) लोग किनको अपनाकर धर्म के सार तत्व को छोड़ देते हैं?
iv) धर्म मनुष्य को क्या बनाता है?
v) सम्प्रदाय क्या सिखाता है?
इ) हिन्दी में अनुवाद कीजिएः (5 × 1 = 5)
No comments:
Post a Comment